खुशी जल्दी में थी
रुकी नहीं
गम फुरसत में थे
ठहर गए…!
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लोगों की नज़रों में फर्क
अब भी नहीं है…
पहले मुड़ कर देखते थे
अब देख कर मुड जाते हैं ।
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आज परछाई से पूछ ही लिया
क्यों चलती हो, मेरे साथ?
उसने भी हँसके कहा,
दूसरा कौन है तेरे साथ?
💕
- Umakant