ज़िंदगी की राहों में, ये दर्द अकेला रह जाता है,
किसी का साथ न भी हो, तो ये दिल और भी तन्हा लगता है......
कुछ दुरियां मजबूरियों के हाथों बिक जाती है,
सुनसान रातों में शाम का ढालना किसे नजर आता है.....
बेखौफ मिटने को राज़ी हर दर्द रहता है पर
आंसुओं को छुपा कर मुस्कुराना हर किसी को कहां आता है........
Manshi K