मैं और मेरे अह्सास
छोटी सी बात पर यूँ हाथ नहीं छुटा करते l
जल्दबाजी में लहू के रिश्ते नहीं टुटा करते ll
खामोशी से चुपचाप रहने में ही अक्लमंदी है l
रो कर दुसरों की खुशियो नहीं लुटा करते ll
हर बात पर ढिंढोरा नहीं पीटा जाता और l
बेवफ़ूक के सामने सर नहीं कुटा करते ll
सखी
दर्शिता बाबूभाई शाह