मंज़िल से मैं ना मिली तो कैसी नाराजगी
मन में कुछ अधूरी बातें और निगाहों की साज़िश ही था
सच कहूं मैं समझ न पाई औरों के जैसे तुम भी थे
सिर्फ कहने के लिए अलग पर हकीकत में तुम उन्ही के जैसे थे .......
- Manshi K

Hindi Good Morning by Manshi K : 111946547
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