पुरानी खिड़की
समय मिले तो कभी खोल लीजिए
दिल में बंद उस पुरानी खिड़की को
जो संजोए हुए ना जाने
तुम्हारे जीवन के कितने पुराने किस्सों को।
झाड़ लीजिए धूल उसके पाटों की
और एक बार झांक कर देखिए
उस पुरानी खिड़की से...।
यकीन मानिए आपकी सारी थकावट
झांक, उस खिड़की से दूर हो जाएगी
जीवन कि ना जाने कितनी खूबसूरत यादों से
यह पुरानी खिड़की तुम्हें मिलवाएगी ।
मिलकर उन भूली बिसरी यादों से
यकिन मानिए आपके चेहरे पर फिर से
वही बेफिक्र सी हंसी आ जाएगी।।
सरोज ✍️
-Saroj Prajapati