मैं और मेरे अह्सास
जीत का जश्न मनाने के लिए सकारात्मक योगदान देना चाहिए l
जिन्दगी में खेल हो या कुछ और पूरी सिद्दत
से भाग लेना चाहिए ll
जंग हो या खेल एक अकेला ही काफ़ी होता है
मंजिल तक पहुंचाने को l
हार जीत लगी रहती है दिल में जीत ने का जज्बा होना चाहिए ll
सखी
दर्शिता बाबूभाई शाह