मैं और मेरे अह्सास
भीगी भीगी चाँदनी रात में मुलाकात करे l
जीवन की नये तरीके से शुरुआत करे ll
काटेंगे तो उम्र ओ ' जिये तो जिन्दगी है l
तो हसी खुशी जीने के पैदा हालात करे ll
नटखट हवाएँ चल रहीं हैं तो आओ बेठे l
इस मनचली शाम में दिल की बात करे ll
सखी
दर्शिता बाबूभाई शाह