मैं और मेरे अह्सास
बात दिल की लिखने में वक्त तो लगता है l
तुम्हें अपना कहने में वक्त तो लगता है ll
भरी महफ़िल में नशीले गीत सुनते ही l
खुशमिजाज दिखने में वक्त तो लगता है ll
कभी कभी एक उम्र भी कम पड़ जाती है l
ज़हन से याद मिटने में वक्त तो लगता है ll
सखी
दर्शिता बाबूभाई शाह