मैं और मेरे अह्सास
मोर कोयल ने मचाया हैं शोर l
आसमाँ में छाये बादल घनघोर ll
मिलन के लिए आतुर मनवा l
कहाँ छुप के बैठा है चितचोर ll
सावन लाया यार का संदेश l
दिले गुलज़ार से बंधी है डोर ll
प्रेम प्यार और अमन चैन का l
बरसे बादल छमछम चहुंओर ll
पीयू संग चाँद रात यूं बीती l
आंखों ही आंखों में हुईं भोर ll
सखी
दर्शिता बाबूभाई शाह