मैं और मेरे अह्सास
बरसती बारिश का मौसम मस्ताना क्या कह रहा हैं l
आसमान से बरसता पानी निगाहों से बह रहा हैं ll
शायद फ़िर से ये पल ये लम्हें फ़िर मिले ना मिले l
भीगने भिगोने का ले लो जी भरके मजा कह रहा हैं ll
मस्त बहारों का मौसम आया है खिलखिलाता देखो l
चारों ओर खुशी से कायनात हरा दुपट्टा पह रहा हैं ll
सखी
दर्शिता बाबूभाई शाह