इस जीवन का आधार है पिता
मां घर की नींव तो छत है पिता
तपते रेगिस्तान में शीतल छांव है पिता
बच्चों के सपनों की परवाज़ है पिता
अपनी जरूरतों को ताउम्र कर दरकिनार
बच्चों की हर ख्वाहिश को पूरा करते हैं पिता
अपने बच्चों की बेहतरी के लिए आजीवन
सख्ती का मुखौटा लगाए रहते हैं पिता
गुरु, मार्गदर्शक से लेकर मित्र रूप में
बच्चों के जीवन में कई किरदार निभाते हैं पिता
दिखते सख्त लेकिन कोमल ह्रदय होते हैं पिता
बचपन से लेकर जीवनपर्यंत अपने बच्चों की
ढाल बने रहते हैं पिता।
सरोज ✍️
-Saroj Prajapati