Hindi Quote in Shayri by Manoj kumar shukla

Shayri quotes are very popular on BitesApp with millions of authors writing small inspirational quotes in Hindi daily and inspiring the readers, you can start writing today and fulfill your life of becoming the quotes writer or poem writer.

गौरैया कहती सुनो....

गौरैया कहती सुनो, चलो चलें फिर गाँव।
कांक्रीट के शहर में, नहीं मिले अब छाँव।।

रवि है आँख दिखा रहा, बढ़ा रहा है ताप।
ग्रीष्म काल का नवतपा, रहा धरा को नाप।।

कंठ प्यास से सूखते, तन-मन है बैचेन ।
दूर घरोंदे में छिपे, बाट जोहते नैन।।

ठूँठों से है आजकल, जंगल की पहचान।
मानव ने खुद कर दिया, काट उन्हें बेजान।।

सभी घोंसले मिट गए, ढूँढ़ रहे पहचान।
दाना पानी अब नहीं, हम पंछी हैरान।।

झील ताल पोखर पुरे, उनमें बनें मकान।
हम पक्षी दर-दर फिरें,खुला हुआ मैदान।।

सूरज के उत्ताप से, सूखे नद-तालाब।
आकुल -व्याकुल कूप हैं, हालत हुई खराब।।

मौसम में आते रहे, परदेशी कुछ मित्र।
बदले पर्यावरण से, बदल गए वे चित्र।।

घर को नीरस कर रहे, खुद जाते परदेश।
पर्यटक रूठा देश से, बदला है परिवेश।।

चलो सखी हम चोंच में, लेकर उड़ते बीज।
गिरि कानन अरु गाँव में, पूजें आखातीज।।

मनोजकुमार शुक्ल " मनोज "

Hindi Shayri by Manoj kumar shukla : 111935096
New bites

The best sellers write on Matrubharti, do you?

Start Writing Now