“ज़िंदगी की सफर ….”
आँख धोखा है, क्या भरोसा है
आँख धोखा है, क्या भरोसा है
सुनो दोस्तों, शक दोस्ती का दुश्मन है
अपने दिल में इसे घर बनाने ना दो
कल तड़पना पड़े याद में जिन की
रोक लो, रूठ कर उनको जाने ना दो
बाद में प्यार के चाहे भेजो हज़ारों सलाम
वो फिर नहीं आते, वो फिर नहीं आते
सुबह आती है, रात जाती है
सुबह आती है, रात जाती है, यूँही
वक्त चलता ही रहता है रुकता नहीं
एक पल में ये आगे निकल जाता है
आदमी ठीक से देख पाता नहीं
और परदे पर मंज़र बदल जाता है
एक बार चले जाते हैं, जो दिन-रात सुबह-ओ-शाम
वो वो फिर नहीं आते, वो फिर नहीं आते
जिंदगी के सफर में गुज़र जाते हैं जो मकाम
वो फिर नहीं आते, वो फिर नहीं आते।
🙏🏻