वो शख्स बहुत रोया होगा तुझे खो कर,
कितनी रात जागा होगा तुझे खो कर,
हाथों की लकीरें भी रूठ गई अब तो,
कितनी बार हाथों का चूमा होगा तुझे खो कर,
वो शख्स बहुत रोया होगा तुझे खो कर,
एक उमर गुजारी है तेरे बैगर उसने,
कैसे बीती होगी रात उसकी ,तुझे खो कर,
वो शख्स बहुत रोया होगा तुझे खो कर,
लम्हा लम्हा याद रखा है तुझे उसने,
लम्हा लम्हा तड़पा होगा तुझे खो कर,
वो शख्स बहुत रोया होगा तुझे खो कर,
आख़िरी ख्वाहिश आख़िरी शौक तू है,
कैसे दम ब दम सिसका होगा तुझे खो कर,
वो शख्स बहुत रोया होगा तुझे खो कर,
अन्जू