मैं और मेरे अह्सास

दर्द को छिपाने की कोशिश मत करना l
दिल बहलाने की साज़िश मत करना ll

समय या फिर किसी और बहाने से l
मिलने मिलाने पर बंदिश मत करना ll

बड़ी मन्नतों के बाद पाया है प्यार l
भूल जाओ ये गुज़ारिश मत करना ll

सखी
दर्शिता बाबूभाई शाह

Hindi Poem by Darshita Babubhai Shah : 111929131

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