दुआए रहेमत
जहां रहमत बरसती है, वहाँ जाना, मुबारक हो
उसके घरके आगे,उसके गुन गाना, मुबारक हो
जहां चक्कर लगाअे हाजराने आपकी ख़ातिर
वहाँ पर आपका भी आना और जाना, मुबारक हो
जहां पर बरकतें अल्लाहने रख्खी है बेहिसाब
वहाँ झमझम का पानी और हर दाना, मुबारक हो
जहां पर बुत इब्राहीम (अ.स.) ने तोड़े व हक्क आया
वहाँ मनकी मुरादें माँग के पाना, मुबारक हो
जहां पर रात-दिन दौरा फ़रिश्तोंका मुसल्सल है
वहाँ पर हाजीओंमें नाम लखवाना, मुबारक हो
जहां छोटा-बडा कोई नहीं है,सब बराबर है
वहाँ पर एक ही सफमें खडा होना, मुबारक
जहां निस्बत नबीकी है हवाओंमें, फिझाओंमें
वहाँ ग़र मौत भी आए,तो मर जाना, मुबारक हो
…..अल्लारखा मलिक ‘अर्क कलोलवी’
आमीन 🙏