सोमवती अमावस्या
इस साल 2024 में 8 अप्रैल दिन सोमवार को
सोमवती अमावस्या का शुभ योग बन रहा है। आज
नदी या तालाब तथा कुंड में स्नान करने का विधान है। यदि यह सब संभव नहीं हो सकता है तो पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करने से वही पुण्य लाभ
होते हैं जैसा कि नदी या तालाब तथा कुंड में स्नान
करने से प्राप्त होते हैं।
सुहागिनें आज सोमवती अमावस्या का व्रत
आज रखती हैं। शंकर जी का दूध से अभिषेक किया जाता है। फूल, बेलपत्र , आक, धतूरा, भांग,कनैल फूल तथा गेंदा फूलों की माला , पांच फल जैसे नारियल,केला, संतरा , अमरुद, शकरकंद, गाजर, खीरा, नाशपाती , बताशा , पेड़ा , बादाम, मिश्री,
वस्त्र अर्पण करते हैं।
धूप दीप और आरती करते हैं। शंख ध्वनि होती है। भगवान शिव शंकर जी और मां पार्वती जी की
युगल पूजा अर्चना करने का विधान है आज। मां पार्वती जी के चरणों में फूल , बेलपत्र , फल, प्रसाद,
वस्त्र ,सोलह श्रृंगार की सामग्री, लाल फूलों की माला,
लाल चूनर चढ़ाते हैं। धूप दीप और आरती करते हैं।
शंकर जी और पार्वती जी का गठबंधन करके पूजा करते हैं। शिव शंकर जी और पार्वती जी के चरणों में
जयकारे लगाते हैं। शंख ध्वनि होती है।
आज पीपल के पेड़ की पूजा करते हैं। जिससे
पितृदोष से निवारण होता है। महिलाएं आए सोलह श्रृंगार करती हैं और भगवान शिव शंकर जी तथा मां पार्वती जी की पूजा के बाद पीपल के वृक्ष की परिक्रमा 108 बार करती हैं। आज महिलाएं सम्मिलित रूप से यह पूजा करती है। सुहागिनें मिलकर गीत गाती हैं। मौली धागा पीपल वृक्ष में
बांधती हैं। आज 108 नकुल दाना और मूंगफली
के लेकर गिनती से 108 बार परिक्रमा करते हैं।
धूप दीप और आरती करते हैं।
क्षमा मांगते हैं। शंकर जी और पार्वती जी के चरणों में कोटि-कोटि प्रणाम करते हुए सोमवती अमावस्या तिथि पर व्रत को पूर्ण करते हैं तथा सफल
बनाते हैं। यह सुहागिनों का त्यौहार है। फलाहारी
पर रहती हैं आज व्रती।
सोमवती अमावस्या के व्रत का माहात्म्य अत्यधिक होता है तथा फलदाई रहता है।
* महादेव महायोगी महात्राणं महेश्वरं।
सर्व पाप हरं देव मकराय नमो नमः*।
उपरोक्त मंत्र पाठ करके भगवान शिव शंकर जी और मां पार्वती जी से क्षमा मांगते हैं।
अनिता अकिंचन दासी सोमवती अमावस्या तिथि पर लिखने आई है तथा आने वाले साल चैत्र मास में जब पुनः लिखने का वरदान मांगती है तथा सबकी सलामती की कामना करती है। जो पढ़े ,लिखे एवं
हूं भरे सबको समान शुभ फल प्राप्त होते हैं।
जय जय हे शिव शंकर जी और पार्वती जी
दंडवत प्रणाम स्वीकार करो।
शरणागति करो हे शिव शंकर जी और पार्वती जी।
-Anita Sinha