स्वास्थ्य दिवस पर विशेष
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विश्व स्वास्थ्य दिवस की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ प्रस्तुत है मेरी रचनाएं
1)निरोगी काया
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स्वस्थ तन में ही तो मन गुनगुनाता है
तभी जिंदगी का असली मजा आता है
निरोगी , स्वस्थ रहे सब की काया सदा
इसलिए स्वास्थ्य दिवस मनाया जाता है ।
रोग जकड़ ही लेता शरीर को कभी-कभी
मन और तन लाचार हो जाते हैं अक्सर तभी
अपनों का साथ, अपनों का हाथ चाहिए तब डॉ की दवा एवं आत्मबल से जी उठते हैं सभी।
समय पर करना होता है बीमारी का उपचार
खान-पान पर भी करना होता है बहुत विचार
बच्चों से लेकर बूढ़ें तक सभी हमेशा स्वस्थ रहे
न रहे कोई भी यहाँ पर मजबूर और लाचार।
2) उपचार /आभा दवे
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शरीर है तो रोग है अनंत
करना होगा उसका भी अंत
खान-पान पर देना होगा ध्यान
सभी को स्वस्थ रखें अब भगवंत।
डाक्टर की बातों का करना होगा सम्मान
बचाते हैं वह सभी की कोशिश कर जान
लाखों रुपए हो जाते हैं खर्च इलाज पर
न जाने कहाँ से रोग जकड़ लेता है शरीर खोता ज्ञान।
कोई चारा नहीं रहता इलाज के सिवाय ही
दवा -दारू के भरोसे ही चलने लगती है जिंदगी
उपचार कर शरीर को निरोगी तो बनाना होगा
निरोगी काया में सुंदर मन को पाना होगा ।
आभा दवे
मुंबई