पेगासस कथा करी, मोहबत आई फोन,
अडानी अमानी शोर सियासत सेफ जोन
दिवानगी यू जता कर चल दिए हंसाकर
लब्ज ही नासमझ थे गाफिल,बस दगाकर
चकरा हुये, हम कभी वाह री संजय सिंह
भरी दुपहरी मफलरी, पानी बिजुरी खींच
मलंग सा रूप सजाया, गाफिल करया नेक
सिर धुनया चकराया मिले कारीगर बस टेक
वाह री जात हुकारचंद, मसाज जन्त्री पदड़पंच
क्या बात भारत जोरी न्याव जात्रा मुहबतमारी गप
लाठी जोरी हाथ में पर कुत्ता कटवाय
जोबन झोल परीचित रे, हाथु हाथ बताय
कौण छुटये गुरू पकरे, खूब रचाया सांग
बात मासरे सु सब खपे, कुनबा परगी भांग
भारत भाई राघवा, विटठल सबोन सरदार
मोहु का विश्राम प्रभु राम राज्य सिरो धार