मैं और मेरे अह्सास
सोच का पंछी उड़ चला है बादलों के उस पार l
याद का पंछी उड़ चला है बादलों के उस पार ll
मुहब्बत का असर तो देखो हुश्न और इश्क़ के l
साथ का पंछी उड़ चला है बादलों के उस पार ll
महफिलों में यार दोस्तों के संग सुराही पीकर l
जाम का पंछी उड़ चला है बादलों के उस पार ll
सखी
दर्शिता बाबूभाई शाह