मैं और मेरे अह्सास
शिवरात्रि
चलो इस शिवरात्रि को विष पिए l
दिलों को प्यार के धागे से सिए ll
जातियों के भेदभाव से ऊपर उठ l
रंजिशें भूलाकर साथ साथ जिए ll
शिव विवाह की शहनाई की बजाए l
दीप ममता भावना के जलाएं दिए ll
रोली चंदन,माला पुष्प,बेलपत्र संग l
पूजनार्चन करे प्रभु शिव के लिए ll
अर्चना आराधना उपासना साधना l
शिवभक्तो ने भक्ति के कार्य किए ll
२९-२-२०२४ सखी
दर्शिता बाबूभाई शाह