मैं और मेरे अह्सास
बेरोजगारी ओ महगाई का प्रश्न तो खड़ा है l
जवाब देने जाओ तो मसला बहुत बड़ा है ll
देश में कोई नहीं जो आवाज़ उठाएंगे कि l
जहा देखो पूरा सिस्टम मुकम्मल सड़ा है ll
बिना रिश्वत के कोई रोज़गार नहीं मिलता l
उपर से लेकर नीचे तक भ्रष्टाचार जड़ा है ll
सखी
दर्शिता बाबूभाई शाह