सादर समीक्षा हेतु प्रस्तुत हैं, पाँच दोहे 🙏🙏🙏
माघ माह की पंचमी, शुक्ल पक्ष तिथि आज।
वीणा वादिनि शारदे, रखती सिर पर ताज।।
विद्या की शुभ दायिनी, करती तम का नाश।
ज्ञान चक्षु को खोलती, काटे भ्रम का पाश।।
ऋतु वसंत का आगमन, मन में भरे उमंग।
धरा मुदित हो नाचती, नेह प्रेम हुड़दंग।।
खिलें पुष्प हर डाल पर, भ्रमर करें रसपान।
तितली झूमें बाग में, करते कवि ऋतु गान।।
पीत वसन पहने धरा, लाल अधर कचनार।
शृंगारित दुल्हन चली, ऋतु वसंत गलहार ।।
मनोजकुमार शुक्ल " मनोज "
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