भारत में एण्टरप्रोन्योर और आसानी से व्यापार, जीवन निर्वाह अभी भी दूर की कोड़ी है केवल इनकमटैक्स और जीएसटी के छोटे व्यापारी और कारोबार पर असर अत्याचार बेवजह परेशानी ढेरो सच्चाईया है क्या यही सरकारी सपोर्ट है या लफाजी है या रिश्वतखोरी कहॉं नही है ।
भाव भंगिमा, मंजन कुनबाई साग
राम अरूचे, बस सता रहा बिराग
भाव चटोरा मन,रेल बनी सरकार
राम राम रंटतहू कुबह ये उपकार
मोहबत बिक्की इन्साफी न्याव मेवा जगे संजागी बताह
कौम एन्थनी लुखा सूखा यू जमें करकश जमुरी कराह
कराह करतब साथी लोग, बाग सरबस तालबी अथाह
जमे परते कुनबा राज, माल कुर्सी संग जंग ली फताह