अगर होती बेवफाई की सज़ा मौत
तो मोहब्बत में जिस्म न शिकार होता,
होती अगर हर घर में यौन शिक्षा
तो होती अच्छे और बुरे स्पर्श की समझ
तो फ़िर हर रिश्तेदार ईमानदार होता,
न होता शोषण अपने परिवारजन से
होती इंसानियत तो न कोई हैवान होता,
मौत से भी बदतर मिलती अगर सज़ा
तो किसी लड़की का न बलात्कार होता,
होता अगर सब अच्छे और सच्चे मन से
तो हर तरफ़ देखने पर सिर्फ़ इन्सान होता।
- निलेश प्रेमयोगी