अविस्मर्णीय लावण्य...
जब पूछे कोई पहाड़ या समंदर ? नही जवाब मेरे पास पक्षी या प्राणी कोनसा लगे प्यारा ?
ऐसे प्रश्न क्यों ? अरे! मनुष्य नामक अदभुत कलाकृति बनाकर
उसमे भाषा, दृष्टिकोण और विचार देकर
प्रेम से अलंकृत कर दिया
कुदरत ! तेरा करिश्मा भी लाजवाब है किसी एक को चुनने का प्रयास क्यों करना
जब तुम खुद भी तो इतने बेमिसाल हो की जहा भी जाऊ अकल्पनीय सौंदर्य पाऊं
तुम पर कैसे ना में वारी जाऊ
उर्मि