मोहब्बतों को सलीका सिखा दिया मैंने
तेरे बग़ैर भी जी कर दिखा दिया मैंने
बिछड़ना - मिलना तो किस्मत की बात है लेकिन
दुआएँ दे तुझे शायर बना दिया मैंने
जो तेरी याद दिलाता था चहचहाता था
मुंडेर से वो परिंदा उड़ा दिया मैंने
जहाँ सजा के मै रखती थी तेरी तस्वीरें
अब उस मकान में ताला लगा दिया मैंने
- अंजुम रहबर