दुआ।
दुआ करने वाले ने मांगी दुआ सलामती जिंदगी की।
मिली तत्काल और तत्क्षण दुआ में समाई हुई बख़्शिश
जिंदगी की।
काल का पहरा खत्म हो गया निश्चित अवधि में।
रहा एक टक देखता सब कोई शागिर्दों संग।
एक जुट होकर यंत्रणा और मंत्रणाओं का लगा
हुआ था अंबार।
टूट गया परिकल्पित त्रास और विपदाओं का भंडार।
दुआ का असर यों हुआ जैसे मन में दुआ का सागर
समाया हुआ।
दुआ ने दी दवाईयों की पिटारी और भर गई अटारी।
योजनाओं का तारतम्य पत्तों पत्तों में बिखर गया।
लिया आधार माहत्म्य दुआ का तो वो नस नस में
समा गया।
हे ईश्वर दुआओं का सागर है तू।
लिखी है दुआ जिसने देना फल सबसे पहले
उसे ही तू।
छूटने वाला था यह नश्वर संसार पर भर में।
दुआ ने केवाला लिखा और किया जीवन पर
अधिकार पल भर में।
मुखरित हुआ संसार सखि का दूना हो गया
सांसों का वरदान।
आनंदित हुआ मन में सखि का मन ही मन किया
शुक्रिया शुक्रिया बार-बार और समर्पण हो गया
जीवन प्राण।
-Anita Sinha