*दोहा सृजन हेतु शब्द--*
*सच्चाई, परिधान, बदनाम, आहत, यात्रा*
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1 सच्चाई
सच्चाई परिधान वह, श्वेत धवल चितचोर।
धारण करता जो सदा, आँगन नचता मोर।।
2 परिधान
कर्म अटल परिधान है, बनता जीव महान।
फसल काट समृद्धि से, जीता सीना तान।।
3 बदनाम
मानव का सद्कर्म ही, दिलवाता सम्मान।
फँसता जो दुष्कर्म में, हो जाता बदनाम।।
4 आहत
उपचारी-तन सरल है, रोग-शोध परिणाम।
आहत दिल के घाव को, भरना मुश्किल काम।
5 अंतिम
अंतिम यात्रा स्मशान, समझो पूर्ण विराम।
जीवन का यह सत्य है, सबकी होती शाम।।
मनोजकुमार शुक्ल " मनोज "
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