*दोहा सृजन हेतु शब्द--*
*साक्षी, शृंगार, पाणिग्रहण, वेदी, विवाह*
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1 साक्षी
सनकी प्रेमी दे गया, सबके मन को दाह।
दृश्य-कैमरा सामने, साक्षी बनी गवाह।
2 शृंगार
नारी मन शृंगार का, पौरुष पुरुष प्रधान।
दोनों के ही मेल से, रिश्तों का सम्मान।।
3 पाणिग्रहण
संस्कृति में पाणिग्रहण,नव जीवन अध्याय।
शुभाशीष देते सभी, होते देव सहाय।।
4 वेदी
अग्निहोत्र वेदी सजी, करें हवन मिल लोग।
ईश्वर को नैवेद्य फिर, सबको मिलता भोग।।
5 विवाह
मौसम दिखे विवाह का, सज-धज निकलें लोग।
मंगलकारी कामना, उपहारों का योग ।।
मनोजकुमार शुक्ल " मनोज "
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