आजा गोरी आज मैं तुझको अपने रंग लगाऊं।
करुं तेरा दीदार और मैं तुझमें ही रंग जाऊं॥
रंग रंगू केसरिया तुझको हरा लाल और पीला।
वर्षा के रंग अपने प्रेम का कर दूं तन मन गीला॥
ऐसा रंग लगाऊं तुझको मेरा ही रंग भाये।
सिवा हमारे तुमको गोरी और कोई न भाये॥
होली के बहाने गोरी तुझसे मिलने आऊं।
गोरे गालों पे तेरे मैं प्रीत का रंग लगाऊं॥
रंग प्रीत का लगाके गोरी अपने गले लगाऊं।
चुरा के सारी दुनिया से बाहों में तुझे छुपाऊं॥
नज़र तुझे न लगे किसी की ऐसा रंग लगाऊं।
प्रीत का रंग लगा के तुझको तुझमें ही रंग जाऊं॥
#U .V.RUDRA