जिसका जाना तय है, वह जाएगा ही।
फिर वो कोई
इंसान हो,
चीजें हो,
वक्त हो,
या कलैंडर की तिथियां।
बस सब जाएगा, वक्त के साथ ही
यह सब वक्त के गुलाम हैं।
जिनको जो वक्त मिला उसको जी लिया,
बस,
वहीं उसने जी लिया,
हमेशा संभावनाएं संभावित ही होती है।
जिंदगी खुशियों से जीना है तो गिले -शीकवे, ईर्ष्या, क्रोध को त्यागना होगा।
काले बादल हटने से ही सुर्य की सोनेरी किरणें दिखती है।