जिन्हे चाय से लगाव होता है
समझ लेना, कोई तो घाव होता है..
घूंट घूंट में लेते हैं ज़िन्दगी का मज़ा
दौड़ते वक़्त में यही ठहराव होता है..
भाप बन कर पिघलती हैं जब यादें
ठंडे हुए रिश्तों में अलाव होता है..
जहाँ पूछ ले कोई "चाय पियोगे?"
बस अपना तो वहीं पर झुकाव होता है..
उम्र के साथ बदली हैं यूं तो कई बातें मगर
चाय से इश्क़ का एक मुकम्मल पड़ाव होता है ☕