जब जब वो डरी होगी क्या माँ का आंचल मिला होगा.....
जब जब वो बिखरी होगी क्या माँ ने बिखरने से बचाया होगा......
जब जब वो खुद को अकेला पाई होगी क्या माँ का अलिंगन मिला होगा.....
जब जब लडखडाई होगी क्या माँ ने हाथ पकडकर सम्भाला होगा.....
जब जब वो पीडा में तपडी होगी क्या माँ का प्रेम भरा स्पर्श मिला होगा.....
जब जब वो सुकून कि गहरी नीन्द में सोना चाही होगी क्या माँ का गोद मिला होगा......
जब जब वो समाज द्वारा उलहाने मिली होगी क्या माँ ने उन को मुहँ तोड जवाब दिया होगा......
जब जब वो खुद का अस्तित्व बनाया होगी क्या माँ का साथ मिला होगा.......
जब जब वो ढेरों चुनौतियो से लडी होगी क्या माँ का आशीर्वाद मिला होगा......
जब जब वो डरी हुई होगी क्या माँ आंचल मिला होगा....
मां का आंचल मिला होगा ....
मिला होगा.......?
-Madhu