मैं और मेरे अह्सास
सितारों तुम मेरा साथ दो l
ग़ज़लों को मेरी आवाज़ दो ll
ब-जुज़ तेरे कोई भी नहीं है l
हो सके जी भर के प्यार दो ll
बारहा कई तन्हा गुजारी है l
मुकम्मल सी एक रात दो ll
याद में लिखे हुए गीत को l
सखी सुर में, तुम साज दो ll
सखी
दर्शिता बाबूभाई शाह