🍁माँ पापा हमारा वो इश्क है...
उनके इश्क में सवरने लगे हैं... माँ पापा हमारी वो इबादत है
उनकी इबादत में हम बहने लगे है...
माँ पापा हमारा वो अक्स है....
उनके अक्स में खुद का अक्स देखने लगे हैं...
माँ पापा हमारी वो मुस्कुराहट है...
उनकी मुस्कुराहट मे हम अपनी मुस्कुराहट देखने लगे हैं...
माँ पापा हमारी वो सुकून है...
उनकी सुकून मे हम अपनी सुकूनियत महसूस करने लगे है...
माँ पापा हमारी वो अदब है...
उनकी अदब से हम अदब करना सीखने लगे हैं...
माँ पापा हमारा वो मासूमियत है...
उनकी मासूमियत को देखकर हम मासूम बनने लगे हैं...
माँ पापा हमारा वो अस्तित्व है...
उनकी अस्तित्व मे खुद का अस्तित्व देखने लगे हैं,बनाने लगे हैं...
माँ पापा हमारा वो साहस है...
उनके साहस मे हम निडर होने लगे...
माँ पापा हमारा वो इश्क है...
उनके इश्क में हम सवरने लगे....
सवरने लगे...!! 🍁🌼
-Madhu