गर हार गया है तू थककर
उठ नया सवेरा आया है।
सूरज की फैली किरणो से
अंधेरा भी शरमाया है।।
लेकर हिम्मत की ही ज्योति
तुझे निरन्तर बढ़ना है।
होगी लाखो ही कठिनाई
डटकर चट्टानो सा लड़ना है।।
तू खुद को मत आसान बना
तेरे आगे मकड़ी का जाला है।
तू उठ ऐ मुसाफिर हिम्मत रख
तुझको मंजिल को पाना है।।
मीरा सिंह
-Meera Singh