दोस्ती "
जब भी बारिश होती है ..
दिल फिर तम्मना कर बैठता है
वही मैखाने की शाम हो
हतो में सबके जाम हो
वही निकमें दोस्त और बस शाम ही शाम हो !
रात यूँही ढलती जाए
जाम जाम से जाम टकराते जाए
ना कल की फिक्र हो ना आजका पता
मेरे दोस्तों की मैफिल में सब लापता हो !
यू ना करो मैखाने बदनाम शहरवालों
वहां भी कभी टूटे दिल की मरमत हुई हैं !
कभी हुआ जाना मैखाने की गलियों से
पूछना जरूर ? के यहाँ
दोस्ती कि कितनी मिसाल मशहूर हुई हैं !
जाम की कसम हर शाम हुईं हैं !
जिंदगी यारो के नाम होइ है"
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