सादर समीक्षा हेतु प्रस्तुत हैं मेरी ओर से पाँच दोहे 🙏🙏🙏
*दोहा सृजन हेतु शब्द--*
*अवसर,अनुग्रह,आपदा,प्रशस्ति,प्रतिष्ठा*
1 अवसर
प्रभु देता अवसर सदा, रखिए इसका ध्यान।
चूक गए तो फिर नहीं, मिल पाता सम्मान।।
2 अनुग्रह
हुआ अनुग्रह राम का, पूर्ण हुए सब काज।
विश्व पटल पर छा गया, भारतवंशी राज।।
3 आपदा
करें प्रबंधन आपदा, संकट से हो मुक्ति।
बड़े बुजुर्गों से सदा, मिली हमें यह युक्ति।।
4 प्रशस्ति
सद्कर्मों का मान हो, स्वागत मिले प्रशस्ति।
बदले मानव आचरण, यही देश की शक्ति।।
5 प्रतिष्ठा
बढ़े प्रतिष्ठा देश की, मिलकर करें प्रयास।
मतभेदों को भूलकर, फसल उगाएँ खास।।
मनोजकुमार शुक्ल " मनोज "
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चित्र में विश्व हिन्दी संस्थान कनाडा के संस्थापक अध्यक्ष श्री सरन घई के साथ मनोजकुमार शुक्ल मनोज