अपना ख्याल रखना............................
तुझसे क्या छुपा है कि ज़मीन पर क्या - क्या हो रहा है,
है तू सब जगह फिर भी हंगामा हो रहा है,
तुझे मानने वाले, तेरी नहीं मानते,
करते है सब अपने मन की,
खुद के मन खुद ही नहीं जानते............................
तेरे खोने का ग़म नहीं,
तू कब - कहाँ खोता है,
छूट जाता है तू लोगों के हाथ से,
तू तो आखिर तक हाथ पकड़ने का प्रयास करता है.........................
ख्याल रखना अपना क्योंकि,
सियासत को तू रास आ गया है,
आस्था कहो या कहो जीतने का जुनून,
तू सबके सिर चढ़ कर बोल रहा...............................
स्वरचित
राशी शर्मा