राहगीरों का रास्ता...........................
सबको कुछ ना कुछ बनना है,
सबको मंज़िल तक पहुँचना है,
कोई किस्मत पर यकीन कर रहा है,
तो कोई मेहनत की धार को और तेज कर रहा है,
वक्त के इंतज़ार में कतार लम्बी हो गई है,
किसे क्या मिलेगा सबकी नज़र टिकी हुई है........................
कोई किसी को अपनी सीढ़ी बना रहा है,
तो कोई किसी के अंतिम वक्त की राह देख रहा है,
किसी को विश्वास है कि खुदा उसका ख्याल रखेगा,
उसकी चीज़, उसके सम्मान और उसकी ख्वाहिश पर,
अपनी हामी भरेगा............................
कामयाबी की चाहत ने पागल कर दिया,
मांगने वालो ने खुद का अच्छा ना सोच कर,
दूसरो के लिए बुरा मांग लिया,
उन्हें क्या पता नाराज़ होता है वो,
जब कोई किसी का बुरा चाहता है,
वो कुछ देता नहीं बदले में बहुत कुछ छीन लेता है........................
स्वरचित
राशी शर्मा