दिन का उजाला था
या रात का अंधेरा था...
खामोश पहर था
या भगदड़ का माहौल था...
सब कुछ छोड़ कर
तुझसे ही बात करते थे...
बस हर पल तुझे याद करते थे...
तू खामोश था या उदास था
तेरी हर बात को दिल से लगा कर
रोया करते थे
बस कुछ इस तरह
हर पल तुझे याद किया करते थे...
किसी और के गले लग कर
तुझे या तेरी किसी बात को
भुलाने की कोशिश किया करते थे
वो भी क्या दिन थे
कि हम इस तरह
तुझे याद किया करते थे...
-Samriti