भारत मैं लघभग आप किसी भी शहर या गाँव मैं चले जाओ, आपको हर गली और नुकड़ पर ५/६ लावारिस कुत्ते जरूर दिखेंगे. बहुत बुरी दुर्दशा है इन कुत्तो की. यह मुझे तब समझ मैं आया जब मैंने यूनाइटेड किंगडम और यूरोप मैं कुत्तो की परवरिश इंसानों को करते देखा. यहाँ पर आप को तक़रीबन हर घर मैं या तो पालतू बिल्ली या पालतू कुत्ता अवश्य मिलेगा ही.
यूरोप और यूनाइटेड किंगडम मैं आप को एक भी लावारिस कुत्ता या बिल्ली रोड पर नहीं मिलेगा. यहाँ पर हर कुत्ते और बिल्ली को वो सारी सुविधा मिलती है जो एक इंसान को मिलती है. उनका पालन पोषण और रहन सहन सब कुछ बिलकुल इंसानों के तरह ही किया जाता है. पर यह सोभाग्य इंडिया के लगभग ९९.९९% कुत्तो को नहीं मिलता है. इस कारण वे आपको हर गली या नुकड़ पर दिखाई देंगे.
खेर उस हाथी को देख कर मुझे मेरी माँ की बचपन मैं कही हुयी बात समझ मैं आ गयी. मैं उस दिन समझा की चाहे कितने भी अलग-अलग कुत्तो ने हाथी पर भोका हो, चाहे उन कुत्तो ने उस हाथी का उनके इलाके मैं घुसने का विरोध किया हो. पर हाथी ने अपना संयम नहीं छोड़ा, अपना स्वाभाव नहीं छोड़ा, वो शांत रहा और अपना काम करता गया और आगे निकल गया पर कुत्ते भोकते रह गए और फिर वे चुप भी हो गए.
दोस्तों मैंने इस नज़ारे से उस दिन यह बात सिखी, की चाहे कैसी भी परिस्तथी हो, हालात हो, मुझे अपना संयम नहीं खोना चाइए. मुझे अपने मन की शांतता बनाये रखनी चाहिए. और अपने काम से काम करते रहना चहिये.
दोस्तों हम सभी के जीवन मैं हमारे आस-पास, हमारे घर पर, हमारे दफ्तर मैं, या सार्वजनिक जगहों पर कई ऐसे लोग हमें जाने अंजाने मैं उकसाने या भड़काने की कोशिश करते है. वे लोग या तो आपको ताना मारेंगे, या आपका मजाक उड़ायेंगे, या आप पर कोई टिका-टिपणी करेंगे, या आप को उकसायेंगे की आप उनकी बातो का उनको तुरंत जवाब दो और फिर आप उन के साथ बहस करो.
अक्सर उप्पर कही हुयी बाते हमारे साथ होती ही है. कभी आपकी पत्नी आपको ताने मारेगी, या ऐसे शब्द कहेंगी जिस से आप आपका संतुलन खो देते हो और फिर पत्नी के साथ एक बड़ी बहस शुरू कर देते हो..जिस से घर मैं एक अशांति का माहोल बन जाता है… और आपके बच्चे यह सब देखते है. कभी पति कुछ ऐसी बात बोल देते है जिसे पत्नी बर्दास्त नहीं करती और अपना शंयम खो देती है और फिर घर मैं आरोप प्रतिआरोप से शब्दों का एक महायुद्ध शुरू हो जाता है.
यदि हम इस बात पर विचार करे की हम चाहे कही भी रहे, हमारे आस-पास हमेशा कोई ना कोई तो होता है है जो हमे कुछ ना कुछ बोलता रहता है. हमे उकसाने की जाने अंजाने मैं कोशिश करता रहता है जिसका हम अक्सर विरोध हमारा मुह खोल कर जवाब प्रतिक्रिया के रूप मैं दे कर करते है. जिस से कई बार रिश्तो मैं दरार पड जाती है.