शुभ दीपावली
अमावस्या की इस रात को,
दीपों से जगमग करना है।
चहुँ ओर प्रकाश को फैलाकर,
लक्ष्मी,गणेश का पूजन करना है।।
सुख, समृद्धि और वैभव की,
उनसे बस यही कामना है।
सफल सभी के काज हो जाए,
मन में यही मंगल भावना है।।
कार्तिक अमावस की रात को,
श्रीराम जी अयोध्या आए थे।
अयोध्यावासियों ने मिलकर,
घर घर में दीप जलाए थे।।
दिवाली के इस सुअवसर पर,
आकाश,धरा से तिमिर हटाना है।
प्रकाश पुंज की तेज किरणों से,
सारे जग को अब नहलाना है।।
दीपों के इस पावन पर्व पर,
आतिशबाजी भी करते है।
प्रेम पूर्वक ये त्यौहार मनाकर,
खुशियों से झोली भरते है।।
धनतेरस से भाईदोज तक,
इस त्यौहार को मनाते है।
एक साथ सब मिलजुलकर,
साथ में समय बिताते है।।
इस त्यौहार के पांचों दिन,
घर में रौनक बनी रहती हैं।
तरह तरह के व्यंजन बनाने की,
होड़ मन में लगी रहती है।।
पवित्र पावन इस त्यौहार पर,
खुशियां ही सबमें बांटना है।
ईश्वर और छोटों, बड़ों का,
आशीष,स्नेह बस मांगना है।।
किरन झा मिश्री
ग्वालियर मध्य प्रदेश
-किरन झा मिश्री