मैं और मेरे अह्सास
मिलन की रात आई साज श्रृंगार मैं करूँ l
जिंदगी भर में सिर्फ उनके लिए सँवरूँ ll
बड़ी देर के बाद मिले है ये हसीन लम्हे l
कहीं प्यार टोक न जाए नजरों से डरूँ ll
मौसम ने भी आज साथ देने की ठानी l
सखी दिल प्यार की बारिस से भरूँ ll
१४-५-२०२२
सखी
दर्शिता बाबूभाई शाह