मन की ख्वाहिश हो तुम ,
भावना की आस ,
प्रेम की पूँजी ,
समय का आगज ,
हो |
मेरी लाली तुम हो
हृदय के कोने मे ,
धूमिल याद हो |
स्नेह के कोने मे
कही गुनगनाया था मन,
लेकर नाम तुम्हारा
मुस्कुराया था मन |
नही पता यह मुस्कान
कितनी बची है ,
तुझमे लाली कितनी
रची है |
मन की मुस्कान तक
ही जीवन शेष है |
इतर इच्छाओं का
बाकी अवशेष है |
समय के गर्भ मे जाने
क्या छुपा है ,
नही रखा कुछ सब ,
उसी का बचा है |
बेटी दिवस की आप सभी को
हार्दिक शुभकामनाएं 🙏💐