अब नहीं होता ताज़्जुब किसी बात का
अब नहीं होता ताज़्जुब किसी बात का,
It's like.. चलो ये भी सहीं,
देख लेंगे!
भगवान कि मुझपे कुछ अलग मेहरबानी हैं, कभी कुछ चीजें सोचते ही मुंह मांगी हो जाती हैं। जैसे मैं उनकी fvrt hu...
और कभी बरसों बीत जाता हैं एक दुआ कुबूल होने मे ....
@panchhi