पाँच शब्दों पर दोहे - व्रत, उपवास, फल, निर्जल, मौन ।
1 व्रत
ब्रह्मचर्य-व्रत-साधना, रहा देवव्रत नाम।
श्री शांतनु के पुत्र थे, अटल प्रतिज्ञा-धाम।।
2 उपवास
तन-मन को निर्मल रखे, पूजन व्रत उपवास।
जीवन सुखद बनाइए, हटें सभी संत्रास।।
3 फल
फल की इच्छा छोड़कर, कर्म करें अविराम।
गीता में श्री कृष्ण का, सार-तत्व अभिराम।।
4 निर्जल
तीजा के त्यौहार में, निर्जल व्रत उपवास।
शिव की है आराधना, पावन भादों मास।।
5 मौन
विजयी होता क्रोध पर, जिसने सीखा मौन।
सुखमय जीवन ही जिया, व्यर्थ लड़ा है कौन।।
मनोजकुमार शुक्ल " मनोज "