रवैया! ये तुम्हारा, किसी काम का नहीं।
चलते रहो, जैसे भी चलाये जिंदगी।।
#दर्पणकासच
#जिंदगी_है_कैसी_ये_पहेली
#जीने_की_तमन्ना
#योरकोट_दीदी
#योरकोटबाबा
#सनातनी_जितेंद्र मन

Hindi Shayri by सनातनी_जितेंद्र मन : 111828549

The best sellers write on Matrubharti, do you?

Start Writing Now