है कमी मुझमे !
मेरी दृष्टि मे भेद है माँ !
तुम अभेद , भेद जानती हो !
है तेरा ,तुझमे , मेरा तो मेरा कर दे ,
मुझमे भर प्रेम ,समर्पित भाव भर दे ,
तेरे अंश मे मिल प्राण भी समाहित कर दूँ |
मुझमे अपनी प्रीत,रीत भर दे |
आँखों पर पड़ा पर्दा हटा दो माँ ,
जो सच है साफ-साफ दिखा दो माँ |
मुझे मेरे अंश से मिला दो माँ !|
अंश से